मौलिक अधिकार सात प्रकार के थे अब इनको घटा कर 6 कर दिया गया है
वर्तमान में भारतीय नागरिकों के पास छह प्रकार के मौलिक अधिकार उपलब्ध है
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समानता का अधिकार Bhartiya nagrikon ke Maulik Adhikar
भारतीय संविधान के 14 से 18 के अंतर्गत भारत में सभी नागरिकों के ऊपर समान कानून लगाया जा सकेगा किसी के भी साथ किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होगा नहीं जाति लिंग धर्म गरीबी अमीरी आदि चीजों का कोई भी भेदभाव नहीं किया जा सकेगा भारत में सभी नागरिकों के लिए किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए अवसर प्राप्त होगा यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का गैर कानूनी काम करता है
या किसी भी दंडनीय काम को अंजाम देता है तो वह अमीर हो या गरीब सबको समान सजा मिलेगी अनुच्छेद 18 के अंतर्गत भारत का कोई भी नागरिक राष्ट्रपति की आज्ञा के बिना किसी भी प्रकार की किसी अन्य देश में किसी भी पोस्ट पर नहीं रह पाएगा क्योंकि उपाधियां को समाप्त कर दिया गया है Bhartiya nagrikon ke Maulik Adhikar
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स्वतंत्रता का अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेदBhartiya nagrikon ke Maulik Adhikar19 से 22 के अंदर भारतीय नागरिकों के लिए स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के अंदर विचार अभिव्यक्ति या प्रेस की स्वतंत्रता या किसी भी समाचार की सूचना पाने का अधिकार है शांति पूर्ण एवं शास्त्र विहित होकर टीवी समय सम्मेलन में शामिल होने का अधिकार भारत में किसी भी प्रकार का संघ बनाने का पूर्ण रूप से अधिकार है
भारत में किसी भी जगह पर आने-जाने का पूर्ण रूप से अधिकार है इसी जगह पर जहां पर आने-जाने पर रोक ना लगी हो देश में किसी भी स्थान पर रहने की अनुमति है भारत के अंदर किसी भी जगह पर भारत में किसी भी अपराध के लिए केवल एक बार ही सजा मिलेगी व्यवसाय व्यापार करने की अनुमति है भारत में तत्कालीन कानून के अंतर्गत ही अपराधी को सजा मिलेगी भारत में किसी भी व्यक्ति को उसके खिलाफ न्यायालय में गवाही देने के लिए बाद नहीं किया जा सकता Bhartiya nagrikon ke Maulik Adhikar
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शोषण के विरुद्ध अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 और 24 भारतीय नागरिकों के शोषण के विरुद्ध अधिकार प्रदान करता है अनुच्छेद 23 में मानव के साथ किसी भी प्रकार का किसी भी तरीके का श्रम एवं प्रतिशोध के ऐसा करना दंडनीय अपराध घोषित किया गया है 14 वर्ष के कम आयु वाले किसी भी बच्चे को कारखाने किसी भी प्रकार का जोखिम भरा कार्य करवाना एक दंडनीय अपराध घोषित किया गया है आप किसी भी 18 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्ति को किसी भी प्रकार की नौकरी पर नहीं रख सकते ऐसा करना दंडनीय अपराध होगा Bhartiya nagrikon ke Maulik Adhikar
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धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 के अंतर्गत भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है भारत के अनुच्छेद 25 के अंतर्गत भारतीय नागरिकों को किसी भी धर्म तथा किसी भी जात का प्रचार प्रसार करने की अनुमति प्रदान करता है भारतीय संविधान के अनुच्छेद 26 के अंतर्गत किसी भी धर्म की संस्थाओं की स्थापना करने का पूरा-पूरा अधिकार है
ऐसा करने के लिए आपको कोई भी नहीं रोक सकता किसी भी धर्म की किसी भी संस्था को चलाने का पूरा-पूरा अधिकार है अनुच्छेद 27 के अंतर्गत किसी भी राज्य में सरकारी आए किसी भी धर्म या धार्मिक संप्रदाय कीआय को निश्चित करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता Bhartiya nagrikon ke Maulik Adhikar
भारतीय संस्कृति एवं शिक्षा संबंधी अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 में भारतीय नागरिकों के लिए संस्कृति एवं शिक्षा का अधिकार प्रदान किया जाता है अनुच्छेद 292 के तहत किसी भी नागरिक को जाति धर्म या संस्कृति के आधार पर किसी सरकारी शिक्षण संस्था में प्रवेश नहीं दिया जाएगा अगर किसी भी जाति धर्म के आधार पर किसी को प्रवेश देने से इनकार कर दिया किसी भी संस्था या स्कूल ने तो वह दंड का आभारी होगा Bhartiya nagrikon ke Maulik Adhikar
संवैधानिक उपचारों का अधिकार
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मान्यता थी कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 32 संविधान का संविधान में सबसे अधिक महत्व है अंबेडकर जी का मानना है इसके बिना भारतीय संविधान अधूरा है भारतीय संविधान नागरिकों की मौलिक अधिकार संरक्षण निर्धारित करता है आपके मौलिक अधिकारों का हनन होता है तो आप न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं.Bhartiya nagrikon ke Maulik Adhikar
मेरा नाम विवेक कुमार है मैं 2021 में कंटेंट राइटिंग की शुरुआत की थी मैं ज्यादातर एजुकेशन के बारे में ही लिखना और पढ़ना पसंद करता हूं कंटेंट राइटिंग की फील्ड में मुझे 3 साल से भी ज्यादा का एक्सपीरियंस हो चुका है